4 Powerful Real Life Inspirational Stories in Hindi

हर इंसान की जिंदगी में कभी ना कभी मुसीबतें और परेशानियां आती ही हैं। इन परेशानियों से लड़ना ही हमें जीवन को जीना सिखाता है, इन परेशानियों से लड़कर और इन पर जीत पाकर ही हम जीवन में सफलता और एक नया मुकाम पाते हैं। हर सफल और कामयाब इंसान के पीछे की कहानी में संघर्ष छुपा होता है। किसी भी काम में सफलता यूं ही नहीं मिल जाती।

आज इस Real life inspirational stories के जरिए हम आपको ऐसे चार लोगों की कहानियों के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी की मुसीबतों से हार नहीं मानी बल्कि उनसे लड़कर कामयाबी की एक नई मिसाल रखी।

इन लोगों के संघर्ष के बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी क्योंकि ये लोग अपनी शारीरिक कमियों के बावजूद भी एक नए मुकाम पर पहुंचे। इन रियल लाइफ इंस्पिरेशनल स्टोरीज इन हिंदी से आप जानेंगे की इच्छाशक्ति और कुछ करने की चाह इंसान को किस तरह आगे बढ़ाती है और महान बनाती है।

1- Arunima Sinha Inspirational Story

Arunima Sinha एक ऐसा नाम है जिसे शायद आपने पहले भी सुना हो। अरुणिमा सिन्हा वो हैं जिन्होंने एक पैर के सहारे माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर एक नया कीर्तिमान बनाया था। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने से पहले अरुणिमा एक साधारण लड़की थी।

जिसे बचपन से Sports बहुत पसंद था और वह वॉलीबॉल खेला करती। अपनी मेहनत की बदौलत वो राष्ट्रीय स्तर की एक वॉलीबॉल खिलाड़ी बनी, लेकिन एक दिन उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जो शायद उन्होंने कभी सोचा ना था और उस एक दिन ने उनकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया।

ये बात है 11 अप्रैल, 2011 की, उस दिन अरुणिमा ट्रेन में लखनऊ से दिल्ली आ रही थी। लेकिन जब ट्रेन बरेली पहुंची तो लूटपाट के इरादे से कुछ लोग ट्रेन में घुस गए। अरुणिमा के गले में सोने की चेन थी जिसे वह लूटने की कोशिश करने लगे।

अरुणिमा ने जब उनका विरोध किया तो उन्होंने उसे बरेली के पास चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। नीचे गिरने की वजह से अरुणिमा का बायां पैर ट्रेन की चपेट में आकर कट गया और उन्हें काफी गंभीर चोटें आएं।

6 महीने तक दिल्ली के AIIMS में अरूणिमा ने जिंदगी और मौत की जंग लड़ी, डॉक्टरों की कोशिशें के बाद आखिर उनकी जान बच पाई। लेकिन इस सब में वो अपना एक पैर खो चुकी थी और उसकी जगह एक नकली पैर लगाया गया।

इस हादसे के बाद उनका बॉलीबाल करियर ख़त्म हो गया। उनके माता पिता और रिश्तेदारों के लिए अरुणिमा बस एक अपाहिज बन कर रह गई। मगर अरुणिमा के हौंसले अपाहिज नही हुवे थे और उन्होंने अपनी जिंदगी को बदलने की ठान ली।

अपने जोश और जज्बे के दम पर अरुणिमा एक नकली पैर के सहारे एवरेस्ट चढ़ने की ट्रेनिंग लेने लगी। साल 2013 में, वह माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंची, ऐसा करने वाली वह दुनिया की पहली दिव्यांग महिला बन गईं।

अरुणिमा सिन्हा सातों महाद्वीपों की सबसे बड़ी चोटियों में चढ़ने वाली पहली दिव्यांग महिला भी हैं। साल 2015 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया।

उनके इस जज्बे और कभी हार ना मानने वाली जिद्द को पूरी दुनिया ने सराहा। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कुछ ना कर पाने वाला इंसान शरीर से नहीं सिर्फ मन से अपाहिज होता है। जो इंसान कुछ करने की ठान लो, वह उसे पा कर ही रहता है।

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2- Inspirational Story of Nick Vujicic (निक वुजिसिक)

Nick Vujicic एक जाने माने American Writer और Motivational Speaker हैं। निक जब जन्म हुआ तो जन्म से ही उन्हें एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी हो गई जिसकी वजह से उनके हाथ और पैरों का पूरी तरह से विकास नहीं हो पाया।

जन्म से ही उनके हाथ और पैर छोटे थे, उनका शरीर भी उस तरह से विकसित नहीं हो पाया जिस तरह से और लोगों का होता है, जिसकी वजह से बचपन से ही उन्हें बहुत परेशानियां झेलनी पड़ी। बहुत कठिनायों से उनके माता पिता ने उन्हें बड़ा किया। जिस स्कूल में निक जाते थे वहां भी बच्चे उनके शरीर का मजाक उड़ाया करते थे।

जिसकी वजह से निक बहुत परेशान रहते थे और जब वह 10 साल के हुए तो उन्होंने एक बार आत्महत्या करने की भी कोशिश करी। लेकिन उनकी मां ने उन्हें बचा लिया और जिंदगी से लड़ने की हिम्मत दी।

इस घटना के बाद निक समझ गए कि यह दुनिया उनके शरीर का हमेशा मजाक बनाएगी और उन्हें ही खुद के लिए कुछ करना पड़ेगा। उन्होंने अपने पैरों के सहारा लिखना सीखा, दूसरे लोगों की तरह स्विमिंग और फिशिंग करना सीखा। उन्होंने खुद को इस काबिल बनाया की वो एक नॉर्मल इंसान की तरह सब काम कर सकें।

उन्होंने हार मानने के बजाय, अपनी कहानी से दूसरों को प्रेरित करने के लिए चर्च, स्कूल और कॉलेजेस में स्पीच देना शुरू किया। धीरे धीरे लोग उन्हें देखकर, उनकी कहानी सुनकर प्रेरित होने लगे। अपनी काबिलियत और जज्बे के दम पर आज वो एक सफल मोटिवेशनल स्पीकर और Writer हैं। उनकी सबसे बेस्ट motivational book “Life Without Limits” है। जो की उन्होंने 2007 में publish करी थी।

उनकी बुक्स को 25 से ज्यादा भाषाओं में रिलीज किया गया था। इस किताब की अब तक 1 मिलियन से ज्यादा copies बिक चुकी हैं। Nick अब तक 10 से ज्यादा मोटिवेशनल बुक्स लिख चुके हैं और उनकी नेटवर्थ करीब 41,030,750 रुपए ($500,000) है।

3- Inspirational Story of Malala Yousafzai (मलाला यूसुफजई)

12 July, 1997 में पाकिस्तान में जन्मी मलाला यूसुफजई, पाकिस्तान की स्वात घाटी में पली-बढ़ी। उस वक्त स्वात घाटी में तालिबानी आतंकियों का राज था और उन्होंने वहां लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

मलाला एक ऐसी लड़की थी जो समान अधिकार पर विश्वास रखती थी और उनका मानना था की शिक्षा पाने का हक हर किसी को है। तालिबान के इस प्रतिबंध के बाद मलाला ने शिक्षा के अधिकार पर बोलना शुरू कर दिया।

धीरे धीरे उनके भाषण और बयान पाकिस्तान की लोकल न्यूज में आने लगे। साथ ही BBC Urdu के साथ मिलकर मलाला ने स्वात घाटी में हो रहे तालिबानी अत्याचारों के बारे में ब्लॉग लिखना भी शुरू कर दिया।

जिसकी वजह से स्वात घाटी में पाकिस्तान की सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच लड़ाई हो गई और पाकिस्तान की सेना ने स्वात घाटी पर कब्जा कर लिया। इसके बाद मलाला आतंकवादियों की नजर में आ गई और वो मलाला और उनके परिवार को रेडियो के जरिए जान से मारने की धमकी देने लगे।

मलाला इस सब के बाद भी डरी नही और उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए और तालिबान के खिलाफ लड़ना जारी रखा। लेकिन साल 2012 में जब मलाला स्कूल बस से घर के लिए निकलने ही वाली थी तो उनकी बस के अंदर अचानक एक आतंकवादी घुस आया और उसने मलाला पर हमला कर दिया। इस हमले में एक गोली मलाला के सिर के बाएं हिस्से से होते हुवे उनके कंधे में घुस गई।

कई घंटों के सफल ऑपरेशन के बाद उस गोली को मलाला के शरीर से निकाला गया लेकिन मलाला कोमा में चली गई। इसके बाद उन्हें इंग्लैंड लाया गया और 17 अक्टूबर 2012को वो कोमा से बाहर आई लेकिन उस वक्त उनके सुनने की शक्ति ख़त्म हो गई थी जिसके लिए अगले 5 सालों तक उनका इलाज चला और वो पूरी तरह ठीक हो गई। मलाला की निडरता, साहस और जज्बे को पूरी दुनिया ने सराहा और उन्हें सपोर्ट किया।

10 अक्टूबर 2014 को मलाला को शांति का नोबेल पुरुस्कार दिया गया। मलाला नोबेल प्राइज जीतने वाली सबसे कम उम्र की पहली महिला भी हैं। उन पर कई सारी किताबें भी लिखी गई। जिसमे सबसे ज्यादा चर्चित पुस्तक ‘I Am Malala’ है।

आज भी मलाला विश्व स्तर पर महिलाओं के अधिकार और शिक्षा को लेकर लड़ाई लड़ रही हैं। मलाला आज हर किसी के लिए बहादुरी और हिम्मत की जीती जागती मिसाल हैं।

4- Story of Bethany Hamilton (बेथनी हैमिलटन)

Hawaii में जन्मी बेथनी हैमिल्टन, बचपन से ही एक सर्फर बनना चाहती थी। तीन साल की छोटी सी उम्र में ही बेथनी ने सर्फिंग सीख ली। बेथनी सर्फिंग में ही अपना करियर बनाना चाहती और उनका सपना सर्फिंग में ही एक प्रोफेशनल Athlete बनने का था।

लेकिन 13 साल की उम्र में उनके साथ कुछ ऐसा हुवा जो शायद उन्होंने कभी सपने में भी नही सोचा होगा। हुवा यूं की 13 साल की उम्र में जब वो अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ सर्फिंग कर रही थी उसी दौरान एक शार्क ने बेथनी पर हमला कर दिया और उनके बाएं हाथ को बुरी तरह काट दिया।

इस हमले में उन्होंने अपना बायां हाथ पूरी तरह से खो दिया। इस हमले के बाद भी बेथनी ने अपने सपने को नही छोड़ा और एक महीने बाद वो एक हाथ के सहारे ही सर्फिंग करना सीखने लगी।

कई महीनो की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने एक हाथ के सहारे surf करना सीख लिया और दो सालों के अंदर ही अपना पहला नेशनल सर्फिग टाइटल भी जीत लिया और जिसके साथ ही वो एक Professional Surfer बन गई। उन्होंने दुनिया के बेहतरीन Surfers के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की और अपने दृढ़ संकल्प और साहस से लाखों लोगों को प्रेरित किया है।

सीख जो हमे इन Real Life Inspirational Stories से मिलती है:

इन कहानियों से आप समझ ही गए होंगे की जिन लोगों के हौंसले बुलंद होते हैं और इरादों में जान होती है वो सफलता पा ही लेते हैं। कमजोर लोग अक्सर अपनी कमी का बहाना बनाते हैं लेकिन हिम्मती लोग अपनी कमियों को ताकत बना कर सफलता के शिखर में चढ़ जाते हैं।

दोस्तों, भले आप में कितनी भी कमियां हों लेकिन एक बात हमेशा याद रखें सफल बनने के लिए आपको बस एक खूबी की जरूरत होती है। हम सब में लाख कमियां होती हैं लेकिन उन लाख कमियों में एक खूबी भी होती ही है।

जो लोग सफल होने की चाह रखते हैं वो अपनी कमियों के बीच में उस एक खूबी को ढूंढ ही लेते हैं जो उन्हें सफल बना देती है। इसलिए अपनी कमियों को एक एक करके दूर करने के बजाई अपनी उस एक खूबी को ढूंढ जो आपको सफल बना सकती है।

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