रतन टाटा जी भारत के जाने-माने Businessmen में से एक थे। वह बेहद ही शांत स्वभाव के और दूरदर्शी व्यक्ति थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने टाटा समूह को कई नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और साथ ही टाटा नैनो जैसी बजट फ्रेंडली गाड़ी लाकर ये दिखाया कि कम कीमत में भी बड़ी सोच संभव है।
रतन टाटा जी की सफलता की कहानी तो आपने पढ़ी होगी लेकिन आज हम उनके द्वारा बताए गए कुछ ऐसे विचार लेकर आए हैं जो आपको सफल बनने की प्रेरणा देंगे और सिखाएंगे किस तरह आप भी एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं।
5 Success Lesson from Ratan Tata
सफलता के लिए रतन टाटा जी के विचार उनके जीवन का एक अनुभव और हिस्सा हैं। इन्हें पढ़ें और इनसे मिलने वाले success lessons in Hindi को अच्छे से समझे।
1st Success Lesson
“बड़े सपने देखें और उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत करें।”
रतन टाटा सर का पहला सक्सेस लेसन सिखाता है कि सफलता पाने के लिए बड़े सपने देखें होंगे। कोई भी व्यक्ति यूं ही बड़ा नहीं बनता है, इसकी शुरुआत होती है सपने से। हम लोग अक्सर अपनी स्थिति के हिसाब से अपनी सोच रखते हैं और हमेशा छोटे सपने देखते हैं।
हमें लगता है कि हम कभी भी बड़े सपनों को पूरा नहीं कर सकते, मगर Ratan Tata Sir ये कहते हैं कि हमें बड़े सपने देखने चाहिए, बड़े सपने देखने से ही बड़े लक्ष्य बनते हैं और बड़े लक्ष्य पूरे करने के लिए हमें कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है। जब तक आपकी सोच बड़ी नहीं होगी तब तक आप जीवन में कुछ बड़ा हांसिल भी नहीं कर सकते, इसलिए बड़े सपने देखें और उन सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी करें।

2nd Success Lesson in Hindi
“मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।”
बहुत से ऐसे होते हैं जो यह सोच रखते हैं कि मैं हमेशा सही फैसला ही लूं या मैं इतना सोच विचार करूं कि उसके बाद जो भी में फैसला लूं वह सही ही हो लेकिन ऐसा कभी होता नहीं है। हमारे लिए गए फैसले हर बार सही नहीं हो सकते। जो व्यक्ति ऐसा सोचता है कि मैं हमेशा सही निर्णय ही लूंगा तो यह अपने आप में एक गलत निर्णय है।
सफल होने के लिए आपको risk लेना पड़ता है और वह रिस्क आता है फैसले लेकर। जब भी आप कोई निर्णय ले तो पहले थोड़ा सोच और अपने मन में यह ठान लें की जो फैसला मैं लूंगा उसे मुझे सही साबित करके दिखाना है। निर्णय लेना एक दूर की सोच होती है और हम उस सोच पर काम करके अपने निर्णय को सही कर सकते हैं।
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3rd Lesson of Success
“मैं चीजों को भाग्य के भरोसे छोड़ने में विश्वास नहीं करता। मैं कड़ी मेहनत और तैयारी में विश्वास करता हूं।”
आपने ऐसे बहुत से लोग देखे होंगे या ऐसे बहुत से लोगों से मिले होंगे जो चीजों को किस्मत के भरोसे छोड़कर चलते हैं। वह सोचते हैं कि जो किस्मत में लिखा है वही होगा, हमारे कुछ करने या ना करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे लोग अपनी सफलता को किस्मत के भरोसे छोड़ देते हैं और इंतजार करते हैं अपनी किस्मत के बदलने का।
रतन टाटा सर का सफलता का यह लेसन सीखता है कि हमें चीजों को भाग्य के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि अपने अंदर इतनी काबिलियत लानी चाहिए कि हम मेहनत करके अपने भाग्य को बदल दें। भाग्य को बदला जा सकता है बल्कि उसे खुद लिखा जा सकता है और ऐसा करने के लिए हमें सही डिसीजन लेने होते हैं, कुछ रिस्क लेने होते हैं और कड़ी मेहनत करके ऊंचाइयों के मुकाम पर खुद को पहुंचाना होता है।
4th Lesson of Success
“सबसे बड़ा Risk, कोई Risk ना उठाना है।”
जीवन को ऊंचाइयों में पहुंचाने के लिए, सफल बनने के लिए, पैसे वाला बनने के लिए, रिस्क लेना पड़ता है। एक व्यक्ति जो नौकरी करता है उसके जीवन में कोई रिस्क नहीं होता। वह 9:00 बजे ऑफिस जाता है, 5:00 बजे काम करके घर लौटता है।
महीने में सैलरी आ जाती है और जीवन कटते जाता है। लेकिन जो लोग नाम बनाना चाहते हैं, फेम चाहते हैं, पैसे चाहते हैं और सफलता चाहते हैं उन्हें रिस्क लेना पड़ता है क्योंकि बिजनेस रिस्क से बनता है, उसमें पैसे डूबने का रिस्क होता है, फेल होने का रिस्क होता है लेकिन जो रिस्क लेता है मेहनत करता है और लगा रहता है। वह सफल बनता है, दूसरों से और एक साधारण इंसान से बहुत ऊंचा उठता है।
इसलिए अगर आपके पास कोई आईडिया है, आप किसी काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो एक बार रिस्क लेकर जरूर देखें, हो सकता है की सफलता आपके कदम चूमे और आप भीड़ से अलग उठकर अपना नाम बनाएं। इसलिए तो रतन टाटा सर ने कहा है की सबसे बड़ा रिस्क ही है, रिस्क ना लेना क्योंकि जो जीवन में रिस्क ही नहीं लेगा, वह आगे बड़ भी नहीं पाएगा।
5th Lesson of Success
“लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसका अपना जंग नष्ट कर सकता है! इसी तरह, एक व्यक्ति को कोई नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता नष्ट कर सकती है।”
यह हमें सिखाता है कि एक इंसान दूसरों से नहीं बल्कि अपनी ही सोच से हार मान लेता है। जब हम दूसरों की बातों को सुनते हैं, दूसरों के तानो को अपने मन में बिठा लेते हैं या दूसरे हमसे जो भी नेगेटिव बात कहते हैं, उसे मन में बिठा लेते हैं तो हमारा फेल होना तय है।
इस दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग मिलेंगे जो आपको सपोर्ट करेंगे लेकिन ऐसे लोगों की गिनती बहुत ज्यादा है जो आपको हमेशा गिराने की सोचेंगे, आपके बारे में अफवाह फैलाएंगे और सोचेंगे कि आपका हर काम फेल हो और आप जीवन में असफल रहें।
अगर सफल होना है तो दूसरों की बातों को भूलकर खुद को मजबूत बनाना होगा, दूसरे क्या कहते हैं, हमारे लिए क्या करते हैं, उसे खुद से अलग रखना होगा और ऐसा तभी हो सकता है जब हम अपने मन को मजबूत बनाएं, दूसरों के नेगेटिव विचारों को अपने मन में घुसने ना दें, अपने काम से काम रखें, मेहनत करें तभी सफल हो पाएंगे।
उम्मीद है Success Lesson from Ratan Tata Sir की हमारी यह पोस्ट आपको पसंद आई हो। सफलता के लिए और भी मोटिवेशन चाहिए तो इस ब्लॉग को फॉलो करें।
