सकारात्मक सोच का असर – Best Story on Positive Thinking

Practice Makes Perfect जिसका अर्थ है लगातार अभ्यास करते रहने से आप बेहतर बनते हैं। यदि आप किसी काम को लगातार करते रहें तो उसमें आपको महारत हासिल हो जाती है। लेकिन आज जिस चीज की हम बात करेंगे वह कोई काम नहीं है बल्कि वह है हमारी सोचने की शक्ति।

हर इंसान किसी भी परिस्थिति में दो ही तरह से सोच सकता है या तो पॉजिटिव या फिर नेगेटिव। यदि आप पॉजिटिव सोचते हैं तो चीज बेहतर वह अच्छी होती हैं और यदि आप नेगेटिव सोचते हैं तो वही चीज बेहतर होने की बजाय बत्तर हो जाती हैं।

इस बात का सीधा सा अर्थ है कि किसी भी परिस्थिति में आपको पॉजिटिव सोचना है, अगर आप चाहते हैं कि हर चीज आपकी जिंदगी में पॉजिटिव हो। लेकिन ज्यादातर लोगों का नेचर और सोचने का तरीका negative ही होता है, हमारे साथ जब भी कुछ होता है तो हम पहले नेगेटिव ही सोचते हैं।

हमारी इस सोच का कारण हमारे आसपास का माहौल होता है। आए दिन हम अखबार में, टीवी में, सोशल मीडिया में उल्टी सीधी खबरें देखते रहते हैं इसलिए हमारी mentality negative चीजों की तरफ ज्यादा भागने लगी है। जिसकी वजह से हम जब भी कोई खबर सुनते हैं या कोई बात हमारे कानों तक पहुंचती है तो हम उस सिचुएशन को पहले नेगेटिव तरीके से ही समझने की कोशिश करते हैं।

अगर आप भी Negative thinking के शिकार हैं या हर परिस्थिति में पहले नेगेटिव ही सोचते हैं तो आज हम आपके लिए Think Positive Story लेकर आए हैं। जिसे पढ़कर आपको इस बात की सीख मिलेगी कि क्यों हमें नेगेटिव ना सोच कर हर परिस्थिति को पॉजिटिव तरीके से देखना चाहिए ताकि हमारे साथ भी अब कुछ positive हो।

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सकारात्मक सोच का असर- Motivational Story on Positive Thinking

यह कहानी एक राजा और उसके मंत्री की है। राजा का जो मंत्री था वह बहुत ही सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति था। जब भी कुछ अच्छा या बुरा होता तो वो मंत्री हमेशा यही कहता कि जो हुआ, अच्छा ही हुवा। राजा, मंत्री की इस बात से हमेशा सहमति नहीं रखता था। उसका मानना था की हर चीज अच्छे के लिए नही होती लेकिन राजा अपने मंत्री से इस बारे में कभी कुछ नहीं कहता।

एक बार राजा, वो मंत्री और कुछ सिपाही जंगल में शिकार करने गए। जंगल में थोड़ा अंदर जाने के बाद राजा को एक हिरण दिखाई दिया। हिरण पर नजर पड़ते ही राजा ने धनुष पर तीर चढ़ाया, जैसे ही उन्होंने तीर पीछे खींचा तो धनुष टूट गया और तीर की नोक से राजा की उंगली कट गई। दर्द में चिल्लाते हुवे राजा बोला, “इस धनुष को भी आज ही टूटना था। अब इस कटी हुई उंगली के सहारे मैं शिकार कैसे करूंगा। “

राजा के हाथ से खून बह रहा था, खून को रोकने के लिए मंत्री ने एक कपड़ा लिया और हाथ में बांधते हुवे बोला, “महाराज, सकारात्मक सोचिए। जो भी हुवा, अच्छा ही हुवा। चलिए अब वापस महल चलते हैं।”

राजा दर्द से तड़प रहा था और मंत्री की बात ने उसके दर्द को गुस्से में बदल दिया। उसने गुस्से में अपने मंत्री को, “आजीवन कारावास की सजा सुना दी और कुछ सैनिकों से कहा की मंत्री को राज्य लेजाकर काल कोठरी में बंद कर दें।”

सजा मिलने के बाद भी, मंत्री ने यही कह गया, “चलो, जो भी हुवा, अच्छा ही हुवा।”

सिपाही उसे वहां से ले गए। राजा का दर्द भी थोड़ा कम हो गया। उसने अपने सैनिक से दूसरा धनुष मांगा और वो शिकार की तलाश में आगे बड़ गए।

थोड़ी ही दूर जाने के बाद राजा और उसके सिपाहियों पर जंगली आदिवासियों के एक समूह ने हमला कर दिया। अचानक हुए उसे हमले में सभी सैनिक मारे गए और वो लोग राजा को बंदी बनाकर अपने मुखिया के पास ले गए। उनका मुखिया राजा को देखकर बोला इस शाही इंसान की बली हम अपनी कुलदेवी को देंगे जिससे हमारा भला होगा।

रात होते ही बली देने के लिए राजा को तैयार किया जाने लगा। उस काबिले के पुजारी की नजर राजा के हाथ में पड़ी जिसे कपड़े से बांधा हुवा था। उसने वो कपड़ा खोला तो देख की राजा की एक उंगली कटी हुई है। ये देख पुजारी चिल्लाया, “इसका तो अंग भंग हो चुका है। इस अधूरे शरीर की बली देवी स्वीकार नहीं करेगी। इसे जहां से उठाया था वहीं फेंक आओ।”

पुजारी की बात मानकर वो लोग राजा को आधी रात में जंगल के बीच छोड़ गए।

राजा की जान बच गई और उसे एहसास हुवा की मंत्री जो कहता था “जो हुवा, अच्छा ही हुवा,” ठीक ही कहता था। किसी तरह राजा ने वो रात जंगल में बिताई। अगली सुबह वह अपने महल पहुंचा, काल कोठरी में बंद अपने मंत्री को बाहर निकाला और उसे सारी बात बताई।

राजा की बातें सुनकर मंत्री बोला, “महाराज, मैं तो पहले की कहता था, सकारात्मक सोचिए, जो भी हुवा, अच्छा ही हुवा।”

राजा बोला, “मेरी जान बच गई वो तो अच्छा ही हुवा लेकिन मैने तुम्हारा इतना अपमान किया, तुम्हें सजा दी, तुम्हें एक रात काल कोठरी में बितानी पड़ी। इस सब में तुम्हारे साथ क्या अच्छा हुवा।”

मंत्री ने कहा, “महाराज, आप इस सब घटना का सकारात्मक पहलू देखिए। अगर मैं आपके साथ होता तो वो लोग हम दोनो को पकड़ लेते। अंग भंग होने की वजह से आपकी बली तो नहीं चढ़ती, पर मेरा शरीर तो पूरा है वो लोग मेरी बली दे देते। इसलिए मेरे साथ साथ उन सैनिकों की जान भी बच गई जिन्होंने मुझे बंदी बनाया। अब मैं भी आजाद हूं और आप भी, इसलिए जो हुवा अच्छा ही हुवा।”

सीख जो हमे इस सकारात्मक सोच पर कहानी से मिलती है:

ये कहानी सीखाती है की हमें जितना हो सके अपनी परिस्थितियों के बारे में Positive सोच ही रखनी चाहिए। जब तक हम सकारात्मक नहीं सोचेंगे तब तक हमारे साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता। Positive thinking develop कर पाना आसान नहीं है क्योंकि हमारे आस पास का माहौल ही ऐसा बना है की हमारा फोकस नेगेटिव चीजों पर ज्यादा रहता है।

हम छोटी छोटी चीजों से बहुत जल्दी टूट जाते हैं और बार बार उन बातों के बारे में सोचने लगते हैं जो बुरी होती है और वही बातें हमारी सोच पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

जैसे, ब्रेकअप के बाद अधिकतर लोग ये सोचते हैं की, “अब आगे की जिंदगी अकेले कैसे जियूंगा, अब कौन मुझे प्यार करेगा, और ऐसा सोचते सोचते या तो वो डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं या suicide कर लेते हैं या फिर शराब पीने लग जाते हैं। जबकि ऐसी स्थिति में उन्हें ये सोचना चाहिए की, “जो हुवा अच्छा हुवा, अब जिंदगी की एक नई शुरुवात करने का मौका है, नए लोगों से मिलने का मौका है, खुद के लिए कुछ करने का मौका है।”

जब तक हम नेगेटिव चीजों और बातों की तरफ अपना फोकस रखेंगे तब तक हमारे साथ नेगेटिव ही होगा। इसलिए अपनी सोच हमेशा पॉजिटिव रखिए। Negative सोच को खुद से अलग करने के लिए आपको लगातार positive सोचने की practice करनी होगी। Negative situation से खुद को अलग करके आपको अपनी mentality develop करनी तब जाकर कहीं आप positive सोच पाएंगे।

I hope आपको ये motivational story on positive thinking की हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो ऐसी ही और भी कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें।

People Also Ask

1- पॉजिटिव सोच का मतलब क्या होता है?

Ans- Positive सोच का मतलब है हर परिस्थिति में कुछ अच्छा देखना, किसी समस्या में समाधान ढूँढना, दुःख के समय खुद को शांत रखने के लिए कुछ अच्छा सोचना।

2- खुद को हमेशा पॉजिटिव कैसे रखें?

Ans- अच्छी किताबें पढ़ें, सुबह उठते ही बुरी ख़बरें ना पढ़ें, सोशल मीडिया से दूर रहें, दूसरों की मदद करें, खुद से अच्छी अच्छी बातें कहें, negative सोच वाले लोगों से दूर रहें।

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