कोई भी इंसान चाहे कितना ही अच्छा हो या कितना ही बुरा, हर किसी को कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ता है। जो इंसान दूसरों के साथ अच्छा करता है, अच्छे कर्म करता है उसके कर्मों का उसे अच्छा फल मिलता है।
इसी तरह जो इंसान बुरा होता है, दूसरों के लिए हमेशा बुरा ही करता है, बुरा ही सोचता है, उसे उसके Karmo Ka Fal भी बुराई के रूप में ही मिलता है।
कलयुग के इस दौर में जब हम देखते हैं कि कोई इंसान बहुत बुरा है, दूसरों के संग गलत करता है, हमेशा अपने फायदे की सोचता है लेकिन फिर भी उसके साथ सब कुछ अच्छा ही होता है। उसका हर काम हो जाता है, पैसे भी कमाता है, सफल होते जाता है, ऐसे लोगों को देखकर हम यह सोचते हैं कि क्या कर्मों का फल नहीं मिलता या कलयुग में जो बुरे कर्म करता है उसके साथ अच्छा ही होता है।
इसी चीज को समझने के लिए आज हम आपके लिए कर्मों का फल कैसे मिलता है और कर्मों का फल कब मिलता है कि यह पोस्ट लेकर आए हैं।
दोस्तों, मैं कोई बहुत बड़ा ज्ञानी, विद्वान या शास्त्री तो नहीं हूं लेकिन अपने अनुभव और अपनी समझ के अनुसार मैं आपको इस चीज को समझाने की कोशिश करूंगा। आप इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ें, समझे तब जाकर शायद आपको मेरी बातें का पहलू समझ में आये। चलिए जानते हैं कि कर्मों का फल कैसे और कब मिलता है।

Karmo Ka Fal Kaise Milta Hai?
दोस्तों, हर कोई लगभग यही सोचता है कि जैसा मैं दूसरों के साथ करूंगा वैसा ही मेरे साथ होगा और ऐसा होने से मेरे कर्मों का फल मुझे मिल जाएगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है, मान लो आप किसी को एक थप्पड़ मारते हैं तो अगले दिन कोई आपको थप्पड़ मार देता है तो ऐसा नहीं है कि कल जो आपने किया था उस कर्म का फल आपको मिल गया या फिर आप आज किसी की मदद करें और अगले दिन कोई आपकी भी मदद कर दे और आपको आपके अच्छे कर्म का फल भी मिल गया।
हकीकत में ऐसा होता नहीं है, हम सोचते हैं कि मैंने किसी को मारा है या गाली दी है तो मेरे साथ भी बिलकुल वैसा ही होगा या मैंने किसी के साथ अच्छा किया था तो मेरे साथ भी अच्छा होगा। असल में कर्म का फल मिलता है, सुख और दुख के रूप में।
आप किसी के साथ बुरा करें और उस व्यक्ति को जितना भी दुख पहुंचेगा, वहीं दुख किसी ना किसी रूप में आपके पास आएगा और यही आपके कर्म का फल होगा। इसी तरह यदि आप किसी के साथ कुछ अच्छा करें, किसी की दिल से मदद करें और बदले में कोई चाह ना रखें तो उस इंसान को जो भी खुशी होगी, वही खुशी किसी ना किसी तरह आपको भी मिलेगी, बस यही कर्म का फल है।
मैंने अब तक जो भी अनुभव किया है तो मेरा मानना है कि जैसा आप दूसरों के संग करते हैं वैसा ही आपके साथ कभी नहीं होता है बल्कि बात दुख और सुख तक ही सीमित है। आप किसी को जितना दुख पहुंचाएंगे, वही दुख आज नहीं तो कल किसी ना किसी रूप में आपके पास जरूर आएगा। हो सकता है कि आज आप किसी के साथ बुरा कर रहे हों,
अपने फायदे के लिए किसी का इस्तेमाल कर रहे हो, तो इस जन्म में आपको उसका फल ना मिले लेकिन जब भी आप जन्म लेंगे आप अपने उन कर्मों के फल को भोगेंगे। यही बात भगवत गीता में श्री कृष्ण द्वारा भी कही गई है कि आप इस दुनिया में हर चीज से भाग सकते हैं लेकिन अपने कर्मों के फल से नहीं भाग सकते।
अगर कर्म अच्छे किए हैं तो उनका अच्छा परिणाम भी मिलेगा लेकिन अगर बुरे किए हैं तो उनका परिणाम भी आपको जरूर मिलेगा। इसलिए कोशिश करें कि आपके कर्म हमेशा अच्छे रहे क्योंकि अच्छे कर्मों का फल अच्छा मिलता है।
कर्मों का फल कब मिलता है?
अब बात आती है कि Karmon Ka Fal Kab Milta Hai, तो दोस्तों इसका कोई टाइम नहीं है कि कर्म का फल आज ही मिल जाएगा या कल मिल जाएगा या 1 साल बाद या इसी जन्म में। हमने जितने भी जन्म लिए होंगे उन सब में अच्छे या बुरे कर्म किए ही होंगे, तो हो सकता है किसी जन्म में हमने उन कर्मों का फल भोग लिया होगा या हो सकता है किसी जन्म में हमारी अकस्मात मृत्यु हो गई हो,
तो उस जन्म के हर कर्मों का हिसाब हमारे आने वाले जन्म में होगा। इसी तरह कुछ कर्मों का फल हमें कभी-कभी तुरंत ही मिल जाता है जैसे आप किसी का कुछ अच्छा करें तो आपको भी कोई अच्छी खबर मिल जाती है और आप जानबूझ कर किसी का बुरा करें तो आपके साथ या आपके परिवार वालों के साथ भी कुछ बुरा हो जाता है।
इस बात को समझने के लिए अब आप याद करें ऐसी घटनाएं जब आपने किसी के साथ अच्छा या बुरा किया हो और उसके कुछ समय बाद ही आपके साथ भी कुछ अच्छा या बुरा हुवा हो। जब आपको ऐसी घटनाएं याद आएँगी तो आप समझ पाएंगे की कर्मों का फल मिलता है।
इसके अलावा एक बात यह भी है की आपके अच्छे या बुरे कर्मों का फल सिर्फ आपको ही मिले, ऐसा भी जरूरी नहीं है। यह दूसरों के रूप में भी आपके पास आ सकता है, मान लो आप किसी को कुछ अच्छा करें और आपके परिवार के किसी सदस्य के संग कुछ अच्छा हो, जिससे आपको खुशी होगी तो यह आपके अच्छे कर्म का फल हो सकता है।
इसी तरह यदि आप किसी के साथ बुरा करें तो आपके परिवार में आपके बच्चे या आपके माता-पिता के साथ कुछ बुरा हो जाए और उससे आपको दुःख पहुंचे तो यही आपके बुरे कर्म का परिणाम है या फल है। आपने ऐसे भी लोग देखे होंगे या ऐसे मां-बाप देखे होंगे जिन्होंने अपने समय में दूसरों के साथ बहुत बुरा किया होता है लेकिन उनका सब कुछ अच्छा होता है।
लेकिन जब उनकी औलाद होती हैं तो उसे या तो कोई बीमारी हो जाती है या उनकी अचानक दुर्घटना या मृत्यु हो जाती है जिसकी वजह से ऐसे माता-पिता या ऐसे लोगों को बहुत गहरा दुख पहुंचता है तो ये भी कर्मों का फल ही है। देखा जाए तो कर्मों का फल बुराई से ही जुड़ा होता है क्योंकि बुरे कर्मों का फल बहुत जल्दी मिलता है या बुरे कर्मों का फल मिलता ही है। इसलिए आप भले किसी का अच्छा ना करें लेकिन बुरा करने की कभी ना सोचें।
उम्मीद है कि हमारी यह Karmo Ka Fal पोस्ट आपको अच्छी लगे, यह सब बातें मैंने खुद के अनुभव से लिखी हैं, हो सकता है कि मेरा अनुभव और आपका नजरिया काफी अलग हो लेकिन इसे पढ़े, समझने की कोशिश करें और अपने विचार कमेंट करें।
