अगर आपको प्रेरणादायक कहानियां पढ़ना पसंद है तो आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए Top 9 Motivational Short Stories in Hindi का एक जबरदस्त कलेक्शन लेकर आए हैं। ये शॉर्ट मोटिवेशनल हिंदी कहानियां ना सिर्फ शिक्षाप्रद हैं बल्कि काफी मजेदार भी हैं। इन प्रेरक कहानियां को एक बार जरूर पढ़ें।
Powerful Motivational Short Stories Hindi
कहानियां पढ़ना किसे पसंद नहीं है, कहानियों के साथ-साथ अगर अच्छी शिक्षा भी मिले तो इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता। जीवन के हर मोड़ में हम किसी न किसी समस्या से गुजरते रहते हैं और ऐसे में हमें जरूरत पड़ती है, प्रेरणा की।
हम सभी कभी ना कभी जीवन में थोड़ा कमजोर महसूस करते हैं और ऐसे में मोटिवेशन ही हमें ऊपर उठाती है या कुछ अलग सोचने पर मजबूर करती है। दोस्तों, इसी चीज को देखते हुए आज हम शिक्षा से भरी कुछ बहुत ही अच्छी और छोटी प्रेरणादायक कहानियां हिंदी में लेकर आए हैं।

(1) खुद को सुधारो – Best Motivational Story Hindi
एक बार की बात है, एक संत ने अपने शिष्य को दो पोटलियां दी और उससे कहा कि इन पोटलियों को लो और कुछ महीनों के लिए एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जियो लेकिन ध्यान रखना जब तुम कहीं जाओ तो एक पोटली को आगे की तरफ लटकाना, एक पोटली को पीछे की तरफ और अपना ध्यान सिर्फ आगे वाली पोटली पर रखना, पीछे वाली पर नहीं।
उस शिष्य ने अपने गुरु की बात मानी और डंडे के सहारे पोटलियों को अपने कंधे पर लटका लिया और एक सामान्य जीवन जीने के लिए चला गया।
उसको नही पता था की आगे वाली पोटली में उसकी कमियां हैं और पीछे वाली पोटली में दूसरों की।
जब तक उसकी नजर आगे वाली पोटली में थी, उसे अपनी कमियां दिखती रही, वह अपनी कमियों को सुधारता गया, तरक्की करता गया और दूसरों की कमियों पर कभी उसका ध्यान नहीं गया।
एक दिन जब वह किसी काम से दूसरे गाँव जा रहा था तो रास्ते में एक नदी पड़ी। वह नदी को तैर कर पार करने लगा लेकिन जब उसने नदी पार करी तो उसकी पोटलियां बदल गई। जो पोटली पीछे थी वह आगे हो गई और जो आगे थी वह पीछे हो गई।
अब उसे दूसरों में कमियां दिखाई देने लगी। वह दूसरों की निंदा करने लगा। जिसे भी वो देखता, यही सोचता है कि यह इंसान ठीक नहीं है, वह ठीक नहीं है, बच्चे ठीक नहीं, पड़ोसी बेकार हैं, सरकार निक्कमी है। अब उसे खुद के अलावा सब में कमियां दिखने लगी। इस सब की वजह से दूसरों में तो कोई सुधार नहीं हो पाया लेकिन उसकी खुद की सोच खराब हो गई और उसका पतन होने लगा। वह इस सोच में पड़ गया कि अचानक उसके संग यह सब क्या हुआ।
वह सब कुछ छोड़कर अपने गुरु के पास भागा और उन्हें सबकुछ बताया।
गुरु बोले: जब तक तुम्हारी नजर अपनी कमियों पर थी तब तक तुमने उन्हें सुधार कर जीवन में तरक्की करी लेकिन जैसे ही तुमने दूसरों में कमियां देखना शुरू कर दिया, वहीं से चीजों में गड़बड़ शुरू हो गई। दूसरों में कमी देखने के चक्कर में तुमने अपनी खूबियों को भुला दिया और वहीं से तुम्हारा पतन शुरू हुआ।
सीख:
यह छोटी सी प्रेरणादायक कहानी हमें सिखाती है कि हमें दूसरों पर नहीं बल्कि अपने आप पर फोकस करना चाहिए। हम दुनिया को ना ही सुधार सकते हैं, ना ही किसी को बदल सकते हैं। हर इंसान को सबसे पहले अपनी कमियों को देखना चाहिए। जब हम खुद को बेहतर बनाएंगे तभी हम इस दुनिया को बेहतर बना सकते हैं। इसलिए अपनी कमियों को देखो, उन पर सुधार करो और जीवन में तरक्की करो, यही मायने रखता है।
(2) हर कोई गलत नही होता – Short motivational story in hindi
एक नदी के किनारे बहुत से पेड़ थे। एक दिन एक चिड़िया अपने बच्चों को लेकर वहां आ गई। किनारे पर मौजूद जो सबसे बड़ा पेड़ था वह उसके पास गई और बोली, “बरसात का मौसम आने वाला है और मुझे अपने बच्चों के लिए घोंसला बनाना है। आप इस किनारे में सबसे बड़े पेड़ हैं तो क्या मैं आपकी मजबूत शाखा में अपना घोंसला बना सकती हूं।”
उस पेड़ ने चिड़िया को मना कर दिया और कहा कि इस किनारे में बहुत से पेड़ हैं। तुम जाकर किसी और पेड़ में घोंसला बना सकती हो, वह भी मजबूत ही हैं।
पेड़ की बात सुनकर चिड़िया नाराज हो गई और उसे भला बुरा कह कर वहां से चली गई। चिड़िया ने नदी के किनारे से दूर एक पेड़ में अपना घोंसला बना लिया। बरसात का मौसम शुरू हुवा और नदी में बाढ़ आ गई। पेड़-पौधे जड़ों से उखड़कर नदी में बहने लगे। बाढ़ इतनी भयंकर थी कि उसमें वह बड़ा पेड़ भी गिर कर बह गया।
जब चिड़िया की नजर उस पर पड़ी तो वो उस पेड़ के पास आकर उसे ताना मारते हुए बोली, ‘एक समय था जब मै तुम्हारे पास मदद मांगने आए थी। पर, तुमने जरा भी हमदर्दी नहीं दिखाईं और मना किया। देखो तुम्हारे इसी स्वभाव के कारण आज तुम्हारी यह दशा हो गई है।’
पेड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं जानता था कि मेरी उम्र हो चली है और इस मौसम में मेरी जड़ें टिक नहीं पाएंगी। मैं नहीं चाहता था कि तुम्हारे ऊपर विपत्ति आए। फिर भी तुम्हारा दिल दुखाने के लिए क्षमा करना।”
ऐसा कहकर पेड़ पानी में बह गया। उसकी बातें सुनकर चिड़िया को अपने कहे पर बहुत दुख हुवा।
सीख:
यह छोटी सी मोटिवेशनल कहानी सिखाती है की हमें दूसरों की इनकार का हर बार बुरा नहीं मानना चाहिए। कई बार परिस्थितियों ऐसी होती हैं कि सामने वाला हमारी मदद नहीं कर पाता, उसकी भी कोई मजबूरी हो सकती है। लेकिन हम लोग बुरा मान जाते हैं। मन ही मन सोचने लगते हैं कि यह इंसान घमंडी हो गया है, इसने हमारी मदद नहीं करी।
फिर हम उस इंसान को भला बुरा कहने लगते हैं, उसके बारे में उल्टी सीधी बातें फैलाने लगते हैं। दोस्तों, हमें कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए। यदि कोई आपका काम करने से मना भी कर दे तो यह सोच कर चले कि हो सकता है उसकी अपनी कोई मजबूरी होगी और अपने काम को स्वयं करें। ऐसा भी होता है कि जब कोई हमारे काम को करने से मना कर देता है तो उसका भी हमें फायदा ही होता है।
इसलिए सकारात्मक सोच रखें और जब कोई आपका काम ना करें तो उसे अपने दिल पर ना लें किसी और की तलाश करें या खुद उस काम को सुलझाने की कोशिश करें। हर काम को करने के कई तरीके होते हैं और कहीं ना कहीं से काम निकल ही जाता है, बस जरूरत होती है तो अपने दिमाग को खुला रखने की और थोड़ा अकल लगाने की।
(3) इच्छाएं कभी खत्म नहीं होंगी – Short story motivational
एक बार, एक फ़कीर नदी के किनारे बहुत ही शांत बैठा था। उसके पास से एक व्यक्ति गुज़रा तो उसने पूछा, “बाबा, क्या कर रहे हो?”
फ़कीर ने कहा, “कुछ नहीं, मैं बस इस इंतज़ार में बैठा हूँ कि ये नदी अगर सूख जाए तो मैं इसे पार कर लूँ।”
उस व्यक्ति ने कहा, “कैसी बात कर रहे हो बाबा! अगर तुम इस नदी के सूखने के इंतज़ार में बैठे रहोगे तो कभी इस नदी को पार नहीं कर पाओगे।”
फ़कीर बोला, “यही बात तो मैं लोगों को समझाना चाहता हूँ कि जो तुम ये सब कहते रहते हो कि ‘एक बार जीवन की सारी ज़िम्मेदारियाँ पूरी हो जाएँ तो मैं खुश रहूँ, मौज करूँ, घूमूँ-फिरूँ, सबसे मिलूँ, लोगों की सेवा करूँ’…
हमारी ये इच्छाएँ इस नदी के पानी की तरह ही हैं, जिस तरह नदी का पानी कभी खत्म नहीं होगा और हमें इस नदी को पार करके ही अपना रास्ता ढूँढना है। एक ना एक दिन हमारा ये जीवन खत्म हो जाएगा लेकिन हमारी ये ज़िम्मेदारियाँ कभी खत्म नहीं होंगी। हमें अपने जीवन की इन्हीं ज़िम्मेदारियों को अपने साथ लेकर वो हर काम करना होगा जो हमें खुशियाँ दे।”
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4- दूसरों की नहीं, अपने मन की सुनो।
एक लड़की अपनी सहेली से बहुत समय बाद मिली तो बातों बातों में उसने पूछ लिया की, “जब तुम्हारा जब तुम्हारा बच्चा हूवा तो क्या तुम्हारे पति ने तुम्हें कुछ उपहार दिया?”
सहेली बोली- “नही तो, उन्होंने तो कुछ भी नही दिया।”
वो जल्दी से बोली, “ये तो सही बात नी है, इसका मतलब उसकी नजर में तुम्हारी कोई वैल्यू नहीं है।”
इतनी बात कह कर उसने अपनी सहेली के मन में शंका डाल दी। उसने यह बात अपने मन में बिठा ली। वह घर पहुंची। शाम को पति भी काम से घर आया। पत्नी का लटका हुवा मुँह देखकर उसने पूछा की क्या हुवा, बस फिर क्या था दोनों में बातें होने लगी, बातें में बहस में बदल गयी।
दो दोस्त बहुत दिनो बाद मिले, पहले दोस्त ने दूसरे से पूछा, “और भाई, कहां काम कर रहे हो, सैलरी कितनी मिलती है?”
दोस्त बोला, “एक कंपनी में काम करता हूं, 15000 सैलरी मिलती है।”
वो फिर बोला, “बड़ी कम सैलरी है, 15000 में तुम्हारा खर्चा कैसे चलता है, मुझे तो 30000 मिलती है।”
ऐसा कहकर वो चला गया। उसके बाद से दूसरे वाले का ध्यान काम से हटने लगा। उसे लगा की मुझे, मेरी मेहनत से कम सैलरी मिलती है। सैलरी बढ़ाने के चक्कर में वो मैनेजर से लड़ गया। सैलरी नही बड़ी तो उसने नौकरी छोड़ दी, फिर वह बेरोजगार हो गया।
दोस्तों, ऐसी छोटी-छोटी बातें हमारी जिंदगी में होते रहती हैं। जब भी हम किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं जिसकी स्थिति हमसे अच्छी होती है तो वह हमेशा हमारी परिस्थितियों को कमजोर बताता है या हमें कमजोर बताता है। उनके शब्द ही हमारी जिंदगी को बर्बाद करने के लिए काफी होते हैं।
ऐसा होने पर हम अपनी जिंदगी को दूसरों से कंपेयर करते हैं, हमें लगता है कि इसकी जिंदगी हमसे कहीं बेहतर है और हम खुद में कमियां निकालने लगते हैं जिसकी वजह से हमारे अंदर जो कुछ भी अच्छा होता है या हमारे साथ या हमारे जीवन में जो कुछ भी सही चल रहा होता है वह सब भी खराब हो जाता है। कहने का मतलब बस इतना है कि दूसरों की बातों को ज्यादा ना सुने।
अगर आपकी जिंदगी अच्छी चल रही है, आपकी नौकरी अच्छी चल रही है तो दूसरों की तरक्की या खुशियों को देखकर अपने आप को छोटा महसूस नहीं करना है। हमारी जिंदगी हमारी अपनी है अगर हम खुश हैं तो इससे ज्यादा की चाह ना रखें। ठीक है, मेहनत करें दूसरों से आगे बढ़ने की कोशिश करें, मगर अपनी जिंदगी को दूसरे की जिंदगी से ना आंके और खुद को बेकार ना समझे।
जो भी व्यक्ति आपसे नकारात्मक बातें करते हैं उसकी बातें सुनी और भूल जाए। जैसा काम, जो काम आप कर रहे हैं उसे करते जाएं। तरक्की होना, पैसे कमाना या कुछ और मिलना, यह आपके हाथ में नहीं होता है, किस्मत जैसी भी कुछ चीज होती है। जो मिला है उसमें खुश रहना सीखो।
5- Believe in Yourself Motivation Short Story in Hindi
एक घर में एक चिड़िया घोंसला बनाकर रहती थी। एक दिन अचानक उस घर में आग लग गई। हर कोई उस आग को बुझाने में लग गया तो वो चिड़िया भी सबकी मदद करने में जुट गई और वो अपनी चोंच में पानी भरकर आग में डालने लगी। वो बार-बार उड़कर जाती, अपनी चोंच में पानी लाती और आग में डालती।
दूर एक पेड़ पर बैठा एक कौआ ये सब देख रहा था। वो उड़कर चिड़िया के पास गया और बोला,
“अरे ओ, पगली चिड़िया! तू कितनी भी मेहनत कर ले, तेरे पानी लाने से ये आग नहीं बुझेगी।”
चिड़िया उस कौए से बोली,
“मुझे पता है, मेरे ऐसा करने से ये आग नहीं बुझेगी, लेकिन जब भी इस आग का ज़िक्र होगा, तो मेरी गिनती आग बुझाने वालों में होगी और तेरी गिनती तमाशा देखने वालों में।”
सीख:
ये छोटी सी कहानी सिखाती है कि हमारी ज़िंदगी में भी ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो हमारी मेहनत को नहीं बल्कि हमारे हारने का तमाशा देखना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को पहचानना ज्यादा मुश्किल नहीं है। ये वही लोग होते हैं जो आपको बात-बात पर ताना मारते हैं, आपके काम में सिर्फ़ गलतियाँ निकालते हैं।
ऐसे लोग हमेशा आपके आत्मविश्वास को तोड़ने वाली बातें करते हैं, आपको discourage करते रहते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से खुद को हमेशा दूर रखें, फिर चाहे वो आपके कितने ही खास क्यों न हों। आप अकेले ही बहुत कुछ कर सकते हैं, बस खुद पर विश्वास ज़रूरी है। ये दुनिया सिर्फ़ तमाशा देखती है, इसलिए दुनियावालों की फिक्र छोड़कर अपने काम पर फोकस करें।
6- Short Hindi Story of A Negative Person
एक बार एक नकारात्मक व्यक्ति घूमता हुआ जंगल से गुजर रहा था। रास्ते में उसे कोयल दिखी और उससे बोला, “तेरी आवाज़ इतनी सुंदर है लेकिन तू काली ना होती तो कितनी अच्छी होती।”
फिर उसे एक गुलाब दिखा, वह उससे बोला- “तुझमें अगर इतने कांटे ना होते तो कितना अच्छा होता।”
एक तालाब दिखा तो वह उससे बोला- “तेरा पानी अगर नमकीन ना होता तो कितना अच्छा होता।”
मंदिर गया तो भगवान से बोला- “तू इस तरह मूर्तियों में ना होकर असलियत में होता तो कितना अच्छा होता।”
इतने में भगवान बोले- “ऐ मेरे बनाए हुए इंसान, अगर तुझमें दूसरों को देखने की कमियां नहीं होतीं तो तू कितना अच्छा होता।”
सीख:
अक्सर हम दूसरों में कमियां निकालते रहते हैं और ये भूल जाते हैं कि खुद हमारे अंदर कितनी कमियां हैं। हर इंसान खुद को बेहतर और दूसरे को बेकार समझता है। इसलिए दूसरों की कमियां निकालने से पहले खुद का आकलन ज़रूर कर लें। खुद की कमियां देखें और उन पर सुधार करें।
7- Inspirational Story of A Father and Son
बेटे ने एक बार अपने पिता से पूछा- “पापा, आपने देखा है, जब माँ मुझे गोद में उठाती है तो वो मुझे अपनी कमर के पास रखती है, लेकिन जब आप मुझे उठाते हो तो अपने कंधे पर बैठा लेते हो। ऐसा क्यों”?
बेटे की ये बात सुनकर उसके पिता ने एक बहुत ही अच्छा जवाब दिया, वो बोले, “बेटा, एक माँ ये चाहती है कि उसकी औलाद की नज़र वहाँ तक जाए जहाँ तक वो खुद देख सकती है, लेकिन एक पिता ये चाहता है उसकी औलाद वहाँ तक देख सके, जहाँ तक स्वयं उसकी खुद की नज़र नहीं पहुँच सकती।”
एक पिता हमेशा चाहता है उसकी संतान उससे भी ज़्यादा आगे बढ़े, उससे भी ज़्यादा नाम और शोहरत कमाए। चाहे माँ हो या पिता, दोनों ही अपनी (औलाद को ज़िंदगी में सफल देखना चाहते हैं। एक माँ अपनी औलाद को प्यार से और अच्छे संस्कारों के साथ जीना सिखाती है और एक पिता हमेशा अपने बच्चों को ज़िम्मेदारियों के साथ) जीना सिखाता है और ये दोनों ही सीख हर औलाद के लिए बहुत ज़रूरी होती हैं।
8- एक तीरंदाज की शॉर्ट हिंदी स्टोरी
ये कहानी है एक राजा की। जो की अपने राज्य का सबसे बेहतरीन तीरंदाज (Archer) था। एक बार वो राजा किसी काम से दूसरे राज्य की तरफ जा रहा था। जैसे ही राजा उस राज्य में पंहुचा तो वो यह देखकर हैरान हो गया कि उस राज्य के बाहर हर पेड़ पर एक तीर लगा हुआ है।
सभी पेड़ों पर किसी तीरंदाज ने गोल टारगेट बनाये थे और निशाना गोले के बिलकुल बीच में लगा हुआ है। यह बिल्कुल ऐसा था जैसे किसी ने हर बार मछली की आंख में ही तीर मार दिया हो। हर पेड़ का हाल ऐसा ही था। एक भी निशाना चूका हुआ नहीं था। उस राजा को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इस छोटे से गांव में इतने कमाल का कोई निशानेबाज रहता है।
उसने अपना घोड़ा रोका और उस तीरंदाज को ढूंढने लगा। तभी उसे वहां एक आदमी दिखा, राजा ने उसे रोका और उस तीरंदाज के बारे में पूछने लगा। राजा की उत्सुकता को देखकर वो आदमी हंसने लगा। उसने राजा से कहा, ‘वह एक मूर्ख व्यक्ति है। उसकी तरफ ध्यान देने की आपको कोई ख़ास आवश्यकता नहीं है। आप जिस काम से आये से हैं। पहले उसे पूरा कर लीजिये।
राजा ने कहा, ‘तुम नहीं समझोगे। वो मूर्ख हो सकता है, पर मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता। वह बहुत अच्छा निशानेबाज है। मुझसे भी ज्यादा बेहतर है। मैं उससे मिलना चाहता हूं।’
राजा को देखकर भीड़ जमा हो गई। सब हंसने लगे, ‘उससे मिलकर क्या हासिल होगा। वह पागल है।’
राजा को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर एक पागल, मूर्ख इतना अच्छा निशाना कैसे लगा सकता है? इतना सटीक, इतना अचूक। राजा ने कहा, ‘हंसना बंद करो और उस आदमी को बुलाओ।’
उन लोगों ने उस लड़के को बुलाया और राजा को उससे मिला दिया। उस लड़के को देखते ही, ‘राजा ने उससे पूछा, ‘तुम हर बार एक दम सटीक निशाना कैसे लगा लेते हो..? तुम्हारा राज क्या है?’
तो वो लड़का बोला, ‘कौन सा राज ?’ राजा ने उसे हर पेड़ में गोले के बिल्कुल बीच में लगे हुवे तीर की ओर ईशारा करके दिखाया।
वो लड़का जोर जोर से हंसने लगा। और बोला, ‘मैं आपको झूठ नहीं बोलूंगा। सच यह है कि मैं पहले तीर चलाता हूं और वो तीर जहां भी लगता है, मैं उसके चारों ओर गोला बना देता हूं। इस तरह मेरा कोई निशाना चूकता नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तीर कहां जाता है, मैं अपना घेरा वहीं बना देता हूं। जो भी इस गांव से गुजरता है, वो इस कुशलता को देखकर हैरान हो जाता है। मैं कभी किसी को सच नहीं बताता, पर आप राजा हैं और मैं आपको झूठ नहीं बोल सकता।’
सीख:
जो जैसा दीखता है वो सच में वैसा होता नहीं। कुछ लोग पहले निशाना लगा देते हैं और फिर उसे अपना लक्ष्य बना लेते हैं। और जो लोग उनकी बात नहीं जानते, उन्हें उनका काम, उनका तरीका बिल्कुल सही नजर आता है। इसलिए दूसरों की सफलता को देखकर खुद को कभी कम ना समझें। क्यूंकि असली सच्चाई क्या है ये कभी कोई नहीं बताता। लोग दूसरों को अपने बारे में सिर्फ उतना ही बताते हैं जितना वो चाहते हैं की उन्हें पता चला।
(9) कड़वा सत्य – Best story for motivation
एक लड़के ने अपने दादाजी से पूछा, “दादा जी, अपने जमाने में आप लोग पहले कैसे रहा करते थे? तब ना कोई टेक्नोलॉजी थी, ना ही कंप्यूटर था, ना ही अच्छी गाड़ियां थीं और ना ही मोबाइल।”
पोते की बात सुनकर दादा जी ने बहुत सुंदर जवाब दिया, वो बोले- “बेटा, हम वैसे ही रहते थे जैसे तुम लोग आजकल रहते हो, “ना पूजा, ना पाठ; ना कोई दान, ना ही धर्म और ना ही किसी तरह की शर्म।”
सीख:
दोस्तों ये बात कड़वी है मगर है सच। आज की जेनरेशन का हाल इतना बुरा है कि कुछ कहा नहीं जा सकता। रील में अपना सब कुछ दिखाकर नाचने वाली लड़कियां और गालियों के नाम पर कॉमेडी करने वाले लड़कों ने तो इस समाज में सबसे ज्यादा गंदगी मचा के रखी है।
जो लोग समझदार हैं वो इन सबको ज्यादा सर पर नहीं चढ़ाते लेकिन आज का यूथ इनका फैन है, इनकी ऐसी ऊँची हरकतों को उनका टैलेंट मानते हैं और उनकी तरह बनने की सोचते हैं। ऐसी जेनरेशन को देखकर बस यही कह सकते हैं कि, कलयुग बस इसी का नाम है।
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